Roshan sharma

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रुलाते हो

दिल में रखी है बात कई मैंने तुझसे छुपा कर
बहुत भारी हो गया है दिल तुझे इसमें बसाकर।

अक्सर बातों ही बातों मैं तबियत पुछ लेते हो,
कभी हाल भी देख लो मेरा मेरे घर आकार।

अरसा गुजर गया है, तेरे दीदार के बगैर यहाँ,
तेरी याद में अब भी रखे है खत तेरे संभालकर।

कभी याद भी आता हूँ या दिखावे की फ़िकर है तुम्हे,
अगर प्यार है सच मे तो क्या मिलता है इस कदर रुलाकर।

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6 Comments

Aliya khan

27-Aug-2021 04:31 AM

बहुत खूब

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Swati chourasia

24-Aug-2021 01:39 PM

Nice

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Niraj Pandey

24-Aug-2021 01:36 PM

वाह

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